एक गरीब की कहानी l gareeb ki kahani
मेरा प्यारे प्यारे दोस्तो आज मै आपको एक और नयी कहानी बताने वाला हूँ तो प्लीज इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े तो चलिये इस पोस्ट को शुरु करते है
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Gareeb Aadmi Ki Kahani |
एक बार की बात है रसूलपुर नाम के एक शहर मे सिराज नाम का एक लड़का अपने माँ बाप और बहन के साथ रहता था उसके पिता इरफ़ान एक रिक्शा चलाते थे और अपना और अपने बीवी और बच्चो का पेट भरते थे लेकिन एक बार उसके पिता रिक्शा चला रहे थे तभी उनको एक ट्रक कुचल कर चली गयी और अब सिराज रिक्शा चलाकर पैसे कमाने लगा और अपना और अपने घर वालो का पेट भरने लगा और कभी कभी सिराज को पैसे नही मिलते तो सिराज को और सिराज के माँ और बहन को भूका ही सोना पढ़ता था सिराज की बहन इकरा जब दस साल की हुई तो सिराज उसको स्कूल भेजने लगा और उसकी माँ कुलसूम बेटी की स्कूल फीस भरने के लिये घर घर जाकर बरतन मांजती और झाड़ू लगाती थी इकरा स्कूल मे फटे पुराने कपड़े पहनकर जाती थी इसी लिये स्कूल के बच्चे उसका मजाक उड़ाया करते थे और कभी कभी तो उसको मार भी देते थे लेकिन इकरा चुप चाप स्कूल मे पढ़ाई करती और किसी को कुछ नही बताती थी एक बार इकरा लंच के वख्त क्लास मे ही पढ़ाई कर रही थी उस समय क्लास मे कोई भी नही था तभी वो सारे बच्चे वहा पर आ गए जो इकरा को मारते थे और इकरा का मज़ाक उड़ाया करते थे आते ही इकरा को परेशान करने लगे और तभी एक लड़का इकराम ने इकरा के सर पर पथ्थर से मार दिया और इकरा के सर से खून बहने इकरा के सर पर खून देखकर सारे बच्चे वहा से भाग गए तभी एक टीचर सायमा ने देखा की इकरा के सर से खून बह रहा है तुरंत उसको अस्पताल लेके गयी और इकरा को ठीक करवाया जब इकरा ठीक हो गयी तो इकरा की टीचर ने पूछा की तुमको किसने मारा है तब इकरा ने सारी बाते कह सुनाई इकरा की टीचर ने जब ये सारी बाते सुनी तो उसी वख्त स्कूल गयी और उन सारे बच्चो को स्कूल से बाहर निकलवा दिया जब सिराज और कुलसूम को पता चला तो वो भी अस्पताल आये और इकरा को देख कर खूब रोने लगे जब इकरा की टीचर ने इकरा के घर वालो को रोते हुए देखा तो वो भी रोने लगी तभी इकरा की टीचर सायमा के माँ बाप वहा आ गए क्यू की इकरा दो दिनो से घर नही पहुची थी जब सायमा के पिता ने माँ बेटे को देखा तो सिराज से कहा क्या तुम इरफ़ान के बेटे हो और क्या ये तुम्हारी माँ है तब सिराज ने कहा हाँ लेकिन आपको कैसे पता चला सायमा के पिता सलीम ने कहा एक बार मै रोड पार कर रहा था और एक ट्रक मेरे पास आने ही वाला था तभी तुम्हारे पिता ने मुझे बचा लिया और ट्रक ने उनको कुचल डाला उस वख्त मेरी बेटी सायमा की तबीयत बहुत खराब थी और मुझे उसके लिये दवाई ले जाना बहुत जरूरी था नही तो वो मर सकती थी इसी लिये मै सीधा हॉस्पिटल गया और डॉक्टर को दवाई दी और कुछ दिनो बाद मेरी बेटी सायमा ठीक हो गयी थी तब मुझे याद आया की एक आदमी ने मेरी जान बचाई थी उसके पास जाकर उसके परिवार वालो की मदद कर दूगाँ लेकिन तुम लोगो का कुछ पता नही चला लेकिन कुछ लोगो ने मुझे दो फोटो दी जो तुम्हारे पिता गले मे बांधे थे और तब से लेकर आज तक मै तुम लोगो को ढूंढ रहा था लेकिन तुम लोग मुझे आज मिले और मै बस ये चाहता हु की सिराज की शादी सायमा से करा दू और आप लोग मेरे घर मे चले तब इकरा और सिराज और कुलसूम मान गए और सब को लेकर सायमा के पिता सलीम अपने घर ले गए और फिर उसके बाद सब खुशी खुशी रहने लगे
एक गरीब की कहानी l gareeb ki kahani
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